NGO के लिए पात्रताएं व शर्ते पूरी करनी होगी

बीकानेर राज्य सरकार ने स्वयं सेवी संगठन (एनजीओ) को महानरेगा में कार्यकारी एजेन्सी के रूप में कार्य करने का मौका तो दे दिया है, लेकिन उनको भी आसानी से काम नहीं मिलेगा। कार्यकारी एजेन्सी बनने से पहले उन्हें कई पात्रताएं एवं शर्तें पूरी करनी होगी। एनजीओ का चयन करने वाली जिला एवं राज्यस्तरीय चयन समिति पर निर्धारित नियमों की पालना कराने की जिम्मेदारी होगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव सीएस राजन ने एनजीओ पर लागू होने वाले नियमों के बारे में जिला कलक्टरों को गाइडलाइन भेजी है। एनजीओ के लिए निर्धारित नियमों के तहत जिन परियोजनाओं की लागत 5॰ लाख से अधिक होगी उनकी स्वीकृति सीधे राज्य सरकार के स्तर पर जारी होगी। कोई भी एनजीओ एक जिले में एक से अधिक कार्य या योजना का नहीं कर सकेगा। एनजीओ को बजट आवंटन के लिए भले अंक निर्धारण प्रत्रि*या तय हो लेकिन प्रत्येक एनजीओ के लिए न्यूनतम योग्यता भी रखी गई है। न्यूनतम पांच वर्ष पूर्व पंजीकृत संगठन या संस्था को ही काम मिल सकेगा। सम्बन्धित संस्था को आयकर अधिनियम में पंजीयन के साथ पैन नम्बर का भी उल्लेख करना पडेगा। कोई संस्था विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं से जुडी है तो उसका विदेशी योगदान नियमन अघिनियम में पंजीकृत होना भी आवश्यक होगा।
इनको नहीं मिलेगा काम
* केन्द्र या राज्य सरकार के किसी विभाग या एजेन्सी की काली सूची में जिनका नाम दर्ज होगा।
* ऐसे एनजीओ जिनके पदाधिकारी किसी आपराधिक मामले में दोषी प्रमाणित होगे।
* ऐसे संगठन जिनका कार्य निर्धारित समय सीमा के सम्बन्ध में असंतोषजनक तथा जिनकी साख कार्यक्षमता के सम्बन्ध में भी संतुष्टि नहीं हो। जो एनजीओ पांच वर्ष से कम पुराने होने के साथ आवश्यक होने पर भी आयकर अधिनियम या विदेशी मुद्रा नियमन अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं होंगे।